हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन दवा कोरोना के असर को कम कैसे करती है?
रोहित पाल
हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मलेरिया बुखार के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। दरअसल इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने (आईसीएमआर) के द्वारा एक नेशनल टास्क फोर्स गठित की गयी थी।
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यही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एडवाइजरी जारी की थी साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा था कि हमने यह एडवाइजरी उन लोगों के लिए जारी की है जो संदिग्ध या पुष्ट कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इजाद किया गया था। ये दवा मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा इसे जोड़ों के दर्द के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। अमरीका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के लुपस सेंटर के मुताबिक ये दवा मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करती है।
नेशनल टास्क फोर्स द्वारा सिफारिश की गई इस ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को भारत के महा औषधि नियंत्रक ने भी मंजूरी दी थी। हालांकि इस दवा का इस्तेमाल अभी आपात परिस्थिति में सीमित मात्रा में ही किया जाएगा। इस दवा की अनुशंसा 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं की गई है। इसके अलावा आंख की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी इस दवा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है। परामर्श के मुताबिक सिर्फ पंजीकृत चिकित्सा पेशेवर के निर्देश पर ही यह दवा दी जानी चाहिए। दवा के इस्तेमाल में ये सावधानी बरती जानी चाहिए कि पहले 400 मिलीग्राम की दवा दिन में दो बार ली जाएगी। इसके बाद 400 मिलीग्राम सप्ताह में एक बार 7 हफ्तों तक लिया जाएगा। हालांकि कुछ डॉक्टरों का मत है कि बिना डॉक्टर की इजाजत के ये दावा लेनी खतरनाक साबित हो सकती है।
कोरोना पर ऐसे काम करती है
मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि अभी इस दवा पर लगातार ट्रायल चल रहे हैं हालांकि यह दावा कोरोना के खतरे को कम कर सकती है लेकिन उससे पूरी तरह बचाएगी ये अभी तक पता नहीं चल सका है। दरअसल, मेडिकल एक्सपर्ट की माने तो यह दवा कोरोना के इफेक्ट को कम कर देती है। यानी कोरोना जब व्यक्ति के फेफड़े जकड़ लेता है तब यह दवा फेफड़ों की कोशिकाओं पर काम करती है जिससे संक्रमण बढ़ नहीं पाता है और इसलिए कोरोना का मरीज गंभीर स्थिति तक पहुंचने से बच जाता है।
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इसके अलावा मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि यह दवा कोई वैक्सीन नहीं है और न ही इससे कोरोना वायरस का मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। यह दवा केवल मरीज को राहत दे सकती है। दरअसल, यह दवा मरीज की रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है। जिससे मरीज रिकवर करने लगता है।
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